Monday, August 08, 2011

ट्रांस्फोर्मर


मोहल्लेह में ट्रांस्फोर्मर बिजली के तारों से घिरा रहता है


यह सब नसें खून बढाती थी कभी अब खून निचोड़ रही है




सब लोग आते जाते गुजरते तो हैं


पर कोई भी रुक कर हाल पूछता नहीं




कल सब लोग सकून से घर में सी की ठंडी बयार में सो रहे थे


अचानक सारा खून सूख गया और वो खड़ा खड़ा ही जल गया


सब लोग परेशान से उसे कोस रहे हैं


नसें ढीली पड़ी हैं अब

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